एक आख़िरी झलक
इस्स भाग को पढ़ने से पहले कैंपस डाइयरी PART – 1 जरूर पढ़ें….. 🙂
” फिरसे देख लो एक बार तुम्हारा कुछ रह तो नही गया…? ” माँ की आवाज़ आई….जिस दिन का इंतज़ार किसी को नहीं होता उसको तो आना ही होता है…और हाँ मेरी ज़िंदगी का भी वो चरण आ खड़ा हुआ था…अब माँ को मैं क्या बताता….जो भी कुछ मेरा था वो सब तो रह ही जाने वाला है….आख़िर ज़िंदगी के उन हसीन 18 सालों को उस छोटे से बैग में कैसे समा पाता….रात को अब माँ सुलाने नही आएगी….रात को देर तक जागने पर पापा डाँटने भी नही आएँगे….हाँ रह तो मेरा बहुत कुछ रहा था…..पर अब मैं भी क्या करता…माँ के उस सवाल पे मैं उन्हे बस निहारते ही रह गया….!!!
चेतन की ज़िंदगी में भी वो समय आ चला था जब उसे भी अपनी ज़िंदगी की कहानी का एक नया अध्याय निखना था….कॉलेज की प्रवेश परीक्षा के परिणाम आ चुके थे और अब उसे भी बाकी हज़ारों लोगों की तरह ही अपनी ज़िंदगी की राह चुननी थी….
आप सब को भी कभी ना कभी अपनी ज़िंदगी में एसा निर्णय लेना ही पड़ा होगा तो आप भी समझ सकते हो की कितना मुश्किल होता है ये करना….जैसे की आपकी गाड़ी किसी चौराहे पे जाके अटक गयी हो और सामने दिख रहे चार रास्तों में से कोई एक ही चुनना हो….बस कुछ एसी ही दुविधा में डूबा हुआ था मैं भी…..
स्टेशन जाते हुए चेतन, कार की सीट पर गुम्सुम बैठा हुआ अपने उस प्यारे शहर की एक आख़िरी झलक ले रहा था….कभी पूरे घर में उधंग मचा देने वाला आज चुपचाप बैठा हुआ था….समय जो बदल चला था….आज वो अपनी ही दुनिया में कहीं खोया बाहर देखते हुए अपनी कुछ परानी यादें ताज़ा कर रहा था….हर एक जगह से जुड़ी एक बड़ी काहनी थी….हर किसी कोने में काई राज़ छुपे थे….हर जगह दिल में छुपे कुछ अनकहे किससे थे….
तभी एक छोटी सी पहाड़ी पे लिखा हुआ कुछ दिखाई दिया….वो देखा उसने बहुत बार था, पर शायद आज उसका मतलब उसके लिए कुछ और ही था….”HAPPY JOURNEY”…….अब ये JOURNEY HAPPY होगी या नही वो तो वक़्त ही बताएगा पर हाँ ये लंबी जरूर होने वाली थी…..!!!!